Amitabh Bachchan Birthday: 80 के अमिताभ को कैसे 60 साल का बनाते हैं मेकअप मैन? आइकॉनिक फ्रेंच कट का खुला सीक्रेट
时间:2023-09-16 01:07:07 来源:网络整理编辑:सेक्स सेक्स
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सिनेमा प्रेमियों के लिए आज का दिन बेहद खास है, क्योंकि आज महानायक अमिताभ बच्चन का 80वां बर्थडे है. अ
सिनेमा प्रेमियों के लिए आज का दिन बेहद खास है, केअमिताभकोकैसेसालकाबनातेहैंमेकअपमैनआइकॉनिकफ्रेंचकटकाखुलासीक्रेट क्योंकि आज महानायक अमिताभ बच्चन का 80वां बर्थडे है. अमिताभ के बर्थडे पर हर कोई उनके साथ गुजारे खूबसूरत लम्हों को याद कर रहा है. ऐसे में भला बिग बी के मेकअप मैन कैसे पीछे रह सकते हैं. अमिताभ के जन्मदिन के मौके पर उनके मेकअप आर्टिस्ट ने बिग बी के बारे में खास बातें शेयर की हैं, जिन्हें जानकर आप भी गर्व महसूस करेंगे.महीने में 30 रुपये की मिलती थी तनख्वाह, सब्जी में पैसे जाया न हो, तो रोटी को पानी से भिगोकर खाकर भरता था पेट, मेरी मुफलिसी के दिन को आज भी याद करता हूं, तो बदन सिहर उठता था. ऐसे में महानायक एक मसीहा बनकर आए और तब से मेरी जिंदगी बदल गई. ये कहना है, अमिताभ बच्चन संग चार दशक से ज्यादा काम कर चुके उनके मेकअप मैन दीपक सावंत का. दीपक सावंत आज भी उनके साथ काम करते हैं.आजतक डॉट इन से बातचीत कर दीपक बताते हैं- अमिताभ बच्चन जी को इंडस्ट्री में आए हुए लगभग 52 साल से ज्यादा होने को हैं. मैं उनसे चार-पांच साल बाद जुड़ा था. हमारे साथ काम करने का सिलसिला अब भी जारी है. उनसे तो अब पारिवारिक लगाव है. उन्होंने हमें संभाला है और शायद यही वजह है कि उनका साथ कभी छूटा ही नहीं. मैं उनसे पहली बार रास्ते का पत्थर फिल्म के दौरान मिला था. जब उन्हें काम करता देखा, तो मुझे लगने लगा था कि ये शख्स बहुत ऊंचाईयों तक जाने वाला है. मैंने खुद जाकर उनसे कहा कि मुझे काम पर रख लीजिए, अगर मैं आपके साथ रहूंगा, तो मुझे आगे भी काम मिलता रहेगा. उन्होंने बस इतना ही कहा, 'क्यों नहीं', देखिए एक वक्त वो था और आज का वक्त है, हम साथ हैं.दीपक अपनी जर्नी के बारे में कहते हैं- बिग बी से मिलने से पहले मैं महीने के तीस रुपये कमाता था. जहां काम करता था, तो वहां के आसपास खाना अफोर्ड नहीं कर पाता थाष क्योंकि सब्जी भी एक रुपये में मिलती थी. अब तीस महीने रुपये कमाने वाला इंसान रोजाना सब्जी में एक रुपये गवां देगा, तो बचेगा क्या. घर की फाइनेंशियल स्थिती भी ठीक नहीं थी. ऐसे में घर से मैं तीन रोटी बांधकर लाता था और रोटी को पानी में डूबाकर उसे खाकर अपना पेट भरता था. काम के लिए इधर-उधर घूमता रहा आखिरकार इंडस्ट्री में मुझे राजेश खन्ना के साथ काम करने का मौका मिला. यहां मेरा काम केवल शूटिंग खत्म होते ही राजेश खन्ना जी के सामने आइना लेकर खड़ा हो जाना था. उसके मुझे कुछ 200 रुपये मिलने लगे थे. वहीं मेरी जिंदगी तब बदली जब अमिताभ आएं, उनसे जुड़ने के बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.बिग बी के मेकअप मैन अपना राज खोलते हुए कहते हैं- उन दिनों मुझे मेकअप का कोई आइडिया नहीं था. हालांकि जब मैं सेट पर हैंडसम एक्टर्स को गरीब, डाकू बनता देखता, तो सोचता कि मेकअप वो जादूई पावर है कि वो किसी के चेहरे को बदल सकता है. बस फिर क्या था, मैंने भी सोचा कि मैं अगर कुछ क्रिएटिव करूंगा, तो मेकअप ही करूंगा. कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी, लेकिन पता नहीं कैसे जैसे ही कोई चेहरा सामने आता, मैं उसपर स्पंज व ब्रश चलाता जाता हूं, ऐसा लगता कि मानों ऊपरवाला मुझसे कह रहा हो कि ये चेहरे के साथ ये रंग जाएगा, ये ब्रश ऐसे चलाना है और फिर मैं इस पर धीरे-धीरे पारंगत होता गया.भले आज बिग बी 80 साल के हों लेकिन मैं मेकअप कर उन्हें 60 साल का बना देता हूं. बिग बी ने कभी अपने चेहरे पर किसी इंजेक्शन व केमिकल, बोटॉक्स जैसी चीजों का सराहा नहीं लिया है. अभी तक कभी मेरे मेकअप में कोई गलती नहीं हुई है, जिसके लिए मुझे डांट पड़ी हो. मैंने कभी डांट खाने लायक कोई काम नहीं किया है. मेरा मेकअप उनके किरदार के हिसाब से ही होता है. आज भले ही वाटर मेकअप पता नहीं तमाम तरह के ताम-झाम हैं लेकिन मैं आज भी ट्रेडिशनल स्टाइल से ही उनका मेकअप करता हूं. देखिए मेरे कुछ हैक्स हैं, जैसे अगर आपको रोना-धोना सीन होता है, तो उस वक्त डल मेकअप करता हूं, वहीं पार्टी सीन्स या गाना वगैरह के वक्त ब्राइट मेकअप करता हूं, गुस्सा वाले इमोशन के दौरान रेड मेकअप रखता हूं, इमोशनल सीन्स के दौरान ऑइली मेकअप का ट्रिक रहता है. मैं तो चालीस साल से यही करता आ रहा हूं. वो एक घंटे में मेकअप कर रेडी हो जाते हैं. उनकी फ्रेंच स्टाइल दाढ़ी भी मेकअप की वजह से ट्रेंड पर हो गई थी. ओमप्रकाश चाहते थे कि अक्स फिल्म में वो फ्रेंच कट दाढ़ी रखें, जिसे गम के सहारे चिपकाना पड़ता था. जो एसिड का इस्तेमाल करते थे, उससे उन्हें तकलीफ होती थी इसलिए हल्की दाढ़ी बढ़ाकर उसपर फ्रेंच कट स्टाइल चिपका दिया था.जब मैंने बिग बी को कहा कि मैं फिल्म प्रोड्यूसर बनना चाहता हूं और इस बीच मैंने मराठी फिल्म की थी. फिल्म सक्सेसफुल रही, तो मैंने सोचा कि हिंदी व भोजपुरी फिल्म भी करूं. मैंने अमिताभ जी को अपनी पहली भोजपुरी फिल्म का जिक्र करते हुए उनसे एक्टिंग की दरख्वास्त की, तो उन्होंने मुंह पर ही मुझे मना कर दिया. फिर मैंने उनको फिल्म का स्क्रिप्ट हाथ में देते हुए कहा कि ठीक है मत कीजिए काम, लेकिन स्क्रिप्ट पढ़कर देखें. अगर आपको अच्छी नहीं लगती है, तो मैं ये स्क्रिप्ट कचड़े के डिब्बे में डाल दूंगा. तो मैं समझूंगा कि फिल्म बनाने के लायक नहीं हूं. तो उन्होंने कहा कि रखो इधर, वो स्क्रिप्ट लेकर घर चले गए. करीबन दस दिन के बाद मुझसे कहा कि दीपक तुम्हारी फिल्म जो है, वो सुपर-डूपर हिट है लेकिन तुम काम छोड़कर चले जाओगे. मैंने उन्हें आश्वसन दिया कि मैं काम छोड़कर नहीं जाऊंगा, आपका काम करते हुए फिल्म पूरी बनाऊंगा. इस तरह वे मेरी फिल्म से जुड़े और रेस्ट इज हिस्ट्री. इसके अलावा उन्होंने हमेशा बुरे समय में भी मेरी मदद की है. मेरे भाई का एक्सीडेंट हो गया था, तो उस वक्त उन्होंने पूरा खर्चा उठाया था.