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मेरी चालू बीवी-25

时间:2023-09-15 11:40:15 来源:网络整理编辑:आईपीएल क्रिकेट

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इमरानजैसे ही दरवाजा की चटकनी खुलने की आवाज आई…मैंने भी दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया और दरवाजा पूरा

इमरानजैसे ही दरवाजा की चटकनी खुलने की आवाज आई…मैंने भी दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया और दरवाजा पूरा खुल गया…ओह माय गॉड… मेरे जीवन का एक और मधुरम दृश्य मेरा इन्तजार कर रहा था…वो पूरी नंगी थी… उसने अभी अभी स्नान किया था… और उसका सेक्सी गीला बदन गजब ढा रहा था…वो मुझे देखते ही हल्का सा झुकी…मैं आँखे फाड़े उसके सामने के अंगों को नग्न अवस्था में देख ही रहा था किपहले तो उसने अपनी कोमल चूत को अपने हाथ से ढकने का प्रयास किया…फिर मधु ने मेरी ओर पीठ कर ली…यह दूसरा मनोरम दृश्य मेरे सामने था…वो वहुत ज्यादा शरमा रही थी,मेरीचालूबीवी मगर कोई चीख चिल्लाहट नहीं थी…मैं आँखें भर उसके नंगे मांसल चूतड़… एवं मखमली पीठ को देख रहा था…फिर मैंने ही उसको तौलिया पकड़ाते हुए कहा- ले जल्दी से पोंछ कर बाहर आ जा…पहली बार उसके मुख से आवाज निकली…उसने तौलिया से खुद को ढकते हुए ही कहा…मधु- भैया आप… मैं भाभी को समझी थी…तभी सलोनी की आवाज आई- ओह तू कितना शरमाती है मधु… तेरे भैया ही तो हैं…तभी  मुझसे कहा- ..सुनो जी… मेरे बॉडी क्लीनर से इसकी पीठ और कंधे साफ़ करवा देना… और घुटने भी… वरना इस वाली ड्रेस से वो गंदे ना दिखें…हे खुदा… कितनी प्यारी बीवी तूने दी है… वो मेरी हर इच्छा को समझ जाती है… उसने शायद मेरी आँखे और लण्ड की आवाज को सुन लिया था… जो वो मुझे इस नग्न सुंदरता की मूरत को छूने का मौका भी दे रही थी…तभी…मधु- नहीईइइ… भाभी… मैंने साफ़ कर ली है…सलोनी खुद आकर देखती है- पागल है क्या…?? कितने धब्बे दिख रहे हैं… क्या तू खुद सुन्दर नहीं दिखना चाहती…मधु- हाँ वव वो वव… भाभी पर ये सब… भैया… नहींईईईईईसलोनी- एक लगाऊँगी तुझको… क्या हुआ तो… भैया ही तो हैं तेरे… और वो सब जो तेरे पापा ने किया था…मधु- ओह नहीं ना भाभी… प्लीज…सलोनी- हाँ… तो ठीक है चुपचाप साफ़ करा कर जल्दी बाहर आ… देर हो रही है…मैं सब कुछ सुनकर भी… कुछ भी नहीं बोल पाया… पता नहीं इसके पापा वाली बात क्या थी…सलोनी बाहर निकल जाती है…मधु वहीं रखे स्टूल पर बैठ जाती है उसने तौलिया खुद हटा दिया…मैं सलोनी का क्लीनर उठा उसकी पीठ के धब्बों पर लगाने लगा… मैंने पूरी शराफत का परिचय देता हुआ उसके किसी अंग को नहीं छुआ… बस अपनी आँखों से उनका रसपान करते हुए… उसकी पीठ… कंधे… उसकी नाजुक चूची का ऊपरी भाग… और उसके घुटने को साफ़ कर दिया…मधु के सभी अंग अब पहले से कई गुना ज्यादा चमक रहे थे… उसके अंगों पर अब शर्म की लाली भी आ गई थी…कुछ देर बाद मधु तैयार होने लगी… लगता था उसकी शर्म भी अब बहुत कम हो रही थी…कहते हैं ना कि जब कोई लड़की या औरत जब किसी मर्द के सामने नंगी हो जाती है… या जब उसको अपना नंगापन… किसी मर्द केसामने अच्छा लगने लगता है… तो उसकी शर्म अपनेआप ख़त्म हो जाती है…तो इस समय मधु भी बिना शर्माए मेरे सामने कपड़े बदल रही थी…सलोनी की सूती सफ़ेद… फैंसी ड्रेस पहन वो गजब ढा रही थी…मैं एक टक उसको देख रहा था…और अब साथ साथ यह भी सोच रहा थाकि सलोनी मेरी कितनी सहायता कर रही है…क्या इसलिए कि वो भी चाहती है कि आगे से मैं भी उसकी ऐसे ही सहायता करूँ…या फिर कुछ और…एक और प्रश्न भी मेरे दिमाग में चल रहा था कि आखिर मधु के साथ उसके पिता ने क्या किया था…??कहते हैं चाहे कितनी भी मस्ती कर लो पर नई चूत देखते ही दिमाग उसको पाने के लिए पागल हो जाता है…यही हाल मेरा था…हम तीनों ही तैयार हो गए थे… सलोनी ने मधु का भी हल्का मेकअप कर दिया था… वो बला की खूबसूरत दिख रही थी…मेरे दिमाग में उसकी ही चूत घूम रही थी… वैसे सलोनी की चूत मधु से कहीं ज्यादा सुन्दर और चिकनी थी…पर मधु की चूत का नयापन मेरे दिमाग को पागल कर रहा था…इंतजार करते हुए 9:30 हो गए…सलोनी ने मधु के घर भी फ़ोन कर दिया था… कि वो आज रात हमारे यहाँ ही रुकेगी…पहले भी वो 2-3 बार हमारे यहाँ रुक चुकी है… तो कई बड़ी बात नहीं थी…परन्तु आज की बात अलग थी… मेरे दिल में कुछ अलग ही धक धक हो रही थी…तभी प्रणव का फ़ोन आया…मैं- क्या हुआ यार इतनी देर कहाँ लगा दी…प्रणव- ओह सॉरी यार… आज का कार्यक्रम रद्द हो गया है… हम नहीं आ पाएंगे…मैं- क्या…?प्रणव- एक मिनट… तू नीचे आ…मैं- तू पागल हो गया है… क्या बोल रहा है ?? कहाँ है तू???प्रणव- अच्छा रुक मैं आता हूँ…सलोनी- क्या हुआ??मैं- पता नहीं क्या कह रहा है???दो मिनट के बादट्रीन्न्न्न्न… ट्रीन्न्न्न्न…सलोनी ने दरवाजा खोला- ओह आप आ तो गए… क्या हुआ प्रणव भैया ???उसने सलोनी को देख एकदम से गले लगाया और उसके गाल को चूमा…कहानी जारी रहेगी।[email protected]